Not known Facts About sidh kunjika
Not known Facts About sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
And the dread of not being is born in that Room. But in meditation, when This really is comprehended, the mind can enter into a dimension of House exactly where motion is inaction. We do not know read more what really like is, for during the Area made by imagined all-around itself as being the me, love would be the conflict of your me and also the not-me. This conflict, this torture, is just not like. Believed would be the pretty denial of love, and it can't enter into that Room wherever the me is not. In that space may be the benediction which person seeks and cannot come across. He seeks it within the frontiers of believed, and believed destroys the ecstasy of this benediction."
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ